शनिवार, 17 अगस्त 2013

मैं एक हूँ

मैं एक हूँ

मै
ही
हिंदू,

मै
ही
मुस्लिम,

मै
ही
सिख,

मै
ही
ईशाई,

मै
ही
बुद्ध,

मै
ही
पारसी,

मै
ही
जैन,

फिर
क्यों
झगड़ा?

फिर क्यों
नहीं
चैन ?

मै
एक
हूँ,

मै
नेक
हूँ,

आईये मिल - जुल कर रहें।
एक साथ प्रगति की धारा मे बहें।।

जयप्रकाश पंवार ''जेपी ''

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें