रविवार, 24 फ़रवरी 2013

ऐ पहाड़


पहाड़
आजा
तू 

वापस,
अपने गावं,
नचा पांडव ,
नाच झुमेलो,
वरना
लोग
करने लगे है
बदनाम,
बिना
आदमी
के
तू,
काहे
का
पहाड़.

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